Monday, April 28, 2008

जहाँ देखूँ मैं तू ही तू नजर आये

जहाँ देखूँ मैं तू ही तू नजर आये - 2
(मेरी अँखियों के सामने ही रहना ओ शोरों वाली जगदम्बे) -4

हम तो चाकर मैया तेरे दरबार के -4
ओ भूखे है हम तो मैया -2 बस तेरे प्यार के, मेरी............

विनती हमारी भी अब, करो मंजूर माँ - 4
हो, चरणों से हमकों कभी-2 करना दूर माँ मेरी.................

मुझे जानके अपना ही बालक, सब भूल तू मेरी भुला देना -4
ओ शेरो वाली जगदम्बे -2 आंचल में मुझे छुपा लेना
मेरी अँखियों के सामने..............

तुम ही शिवाजी की शक्ति, मैया शेरों वाली -2
मेरे भोले की शक्ति, मैया शेरों वाली-2
तुम हो दुर्गा हो अम्बे मैया, तुम हो काली -2
(बनके अमृत की -2 धार सदा बहना ओ शेरों वाली जगदम्बे)
बनके अमृत..............मेरी............

दे दो भक्त को भक्ति का दान मैया जी -2
दे दो भक्तो को हाँ हाँ, अपने भक्त को माता, अपने भक्त को...........

(है भजन तेरा -2 भक्तो का गहना ओ शेरो वाली जगदम्बे)-2
मेरी अँखियों............

http://forum.spiritualindia.org/bhajan-lyrics-collection/मेरी-अँखियों-के-सामने.html

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